भारिबैं/2010-11/545
गैबैंपवि(नी प्र) कं.परि संख्या:24/ एससीआरसी / 26.03.001/ 2010-2011
25 मई 2011
महोदय ,
वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम 2002 (SARFAESI) के तहत केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री का गठन
वित्त मंत्री का वर्ष 2011-12 के बजट भाषण में घोषणा के अनुवर्तन में , भारत सरकार , वित्त मंत्रालय ने 31 मार्च 2011 के यथा अधिसूचना संख्या एफ.नं: 56/05/2007-बीओ-II द्वारा अधिसूचित केन्द्रीय रजिस्ट्री को स्थापित कर दिया है. केन्द्रीय रजिस्ट्री के गठन का उद्देश्य , विभिन्न बैंकों से एक ही अचल संपत्ति पर एक से अधिक ऋण लिये जाने के ऋण मामले में होने वाली धोखा धडी को रोकना है. भारतीय केन्द्रीय आस्ति प्रतिभूतिकरण पुनर्गठन और प्रतिभूति हित रजिस्ट्री (CERSAI), कंपनी अधिनियम 1956 का धारा 25 के अंतर्गत एक लाइसेंसशुदा सरकारी कंपनी है जिसका गठन वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम 2002 (SARFAESI ACT ) के प्रावधानों के तहत केन्द्रीय रजिस्ट्री के परिचालन और रखरखाव के उद्देश्य से किया गया है.
2. यह नोट किया जाए कि प्रारंभ में प्रतिभूतिकरण तथा वित्तीय आस्तियों के पुनर्गठन से संबंधित लेन देन तथा जमाकर्ता द्वारा किसी ऋण के लिए या बैंक तथा वित्तीय संस्थानों द्वारा स्वीकृत अग्रिम के लिए जमानत के तौर पर बंधक रखा गया स्वत्व विलेख (title deed) जिसे सरफेसी अधिनियम (SARFAESI Act ) में परिभाषित किया गया हो, को केन्द्रीय रजिस्ट्री में पंजीकृत किया जाएगा. केन्द्रीय रजिस्ट्री द्वारा रख रखाव किये गए अभिलेख, किसी ऋणदाता या किसी अन्य संपत्ति के साथ काम करने के इच्छुक व्यक्ति द्वारा ढूंढने पर उपलब्ध होंगी. ऎसी अभिलेखों की उपलब्धता से एक ही संपत्ति को जमानत रख एक से अधिक ऋण लेने के साथ साथ ऎसी संपत्तियों के जमानत हित को बिना बताये संपत्ति के बिक्री में शामिल धोखा धडी को रोका जा सकता है.
3. वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन (केन्द्रीय रजिस्ट्री) नियम 2011 की प्रतिलिपि सहित इस संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी 31 मार्च 2011 का अधिसूचना , आपके अवलोकन तथा आवश्यक कार्यवाई हेतु संलग्न है.
भवदीया,
(उमा सुब्रमणियम)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
संलग्न: यथोपरि. |