भारिबैं/2010-11/360
गैबैंपवि.(नी.प्रभा) कंपरि.संख्या: 206/03.10.001/2010-11
5 जनवरी 2011
सभी कोर निवेश कंपनियां
महोदय,
कोर निवेश कंपनियों (CICs) के लिए विनियामक संरचना
उक्त विषय पर बैंक ने 12 अगस्त 2010 के गैबैंपवि(नी.प्र) कंपरि सं: 197/03.10.001/2010-11 के द्वारा सभी कोर निवेश कम्पनियों (CICs) को दिशा निर्देश जारी किया था कि जो कोर निवेश कंपनियां परिभाषित है तथा संपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जमाराशियां न स्वीकार करने वाली कोर निवेश कंपनी (CIC-ND-SI) को भारतीय रिजर्व बैंक से पंजीकृत किया जाना आवश्यक है. इसमें यह भी सूचित किया गया था कि अधिसूचना की तारीख से छ: माह की अवधी के अंदर सभी संपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जमाराशियां न स्वीकार करने वाली कोर निवेश कंपनी (CICs-ND-SI) भारतीय रिजर्व बैंक से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन करें. उक्त दिशा निर्देश के निरंतरता में कोर निवेश कंपनियों को निम्नलिखित सूचित किया जाता है.
2. दिशानिर्देश में निम्नलिखित परिभाषाओं को निन्मवत संशोधित किया गया है:
क) "समायोजित निवल मालियत" का अर्थ है वित्त वर्ष के अंत में अंतिम लेखापरीक्षित तुलनपत्र में दिखाई गई कुल राशि जिसमें स्वाधिकृत निधियां जैसाकि गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशियां स्वीकार न करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेशिका, 2007 में परिभाषित है.
i) जो निम्नवत बढाया गया हो:-
(क) वित्त वर्ष के अंत में अंतिम लेखापरीक्षित तुलन पत्र की तारीख को कोटेड निवेशो के बही मूल्य में हुई वृद्धि की अवसूलित राशि का 50%, (निवेश के मूल्य में वृद्धि के गणना, उसके बही मूल्य की तुलना में उसके कुल बाजार मूल्य में हुई वृद्धि के अनुसार की जाएगी) तथा
(ख) अंतिम लेखापरीक्षित तुलन पत्र के ईक्विटी शेयर पूंजी में हुई वृद्धि , यदि कोई होतो.
ii) जो निम्नवत घटाया गया हो:-
(क) कोटेड निवेशों के बही मूल्य में घट गई राशि (जिसकी गणना कोटेड निवेशों के बाजार मूल्य की तुलना में उसके कुल बही मूल्य में हुई घटोत्तरी के अनुसार की जाएगी) और, (ख)अंतिम लेखापरीक्षित तुलनपत्र की तारीख से ईक्विटी शेयर पूंजी में हुई घटोत्तरी, यदि कोई हो तो.
स्पष्टिकरण : निवेशो अर्थात सरकार या स्थानीय प्राधिकारी द्वारा जारी प्रतिभूतियां या अन्य बाजार प्रतिभूतियां के तरह के सामन या शेयर, स्टॉक, बॉंड, डिबेंचर में शामिल निवेश .
(ख) कोर निवेश कंपनी का अर्थ :
एक ऎसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी, जो अंतिम लेखापरीक्षित तुलनपत्र के तारीख को निम्नलिखित शर्तें पूरी करते हुए, शेयरों तथा प्रतिभूतियों के अर्जन का कारोबार करती है.
(I) वह अपनी निवल परिसंपत्तियों के 90% से कम न हो, ग्रूप कंपनियों के ईक्विटी शेयरों, प्रिफरेंश शेयर, बॉंडस, डिवेंचर , कर्ज या ऋण में किए गए निवेश के रूप में धारण करती है.
(II) ग्रूप कंपनियों के ईक्विटी शेयरों (इनमें वे लिखत शामिल हैं जो अनिवार्यत: ईक्विटी शेयरों में उनके जारी होने से 10 वर्ष से अधिक अवधि में परिवर्तनीय नहीं है) में उसके निवेश का प्रतिशत उसकी निवल परिसंपत्तियों के 60% से कम न हो.
इस प्रावधान में निवल परिसंपत्ति का अर्थ कुल परिसंपत्तियों में से निम्नलिखित को छोडकर -
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नकदी एंव बैंक में जमाशेष;
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मुद्रा बाजार लिखतों में निवेश ;
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करों का अग्रिम भुगतान ;
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अस्थगित कर भुगतान .
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वह अपनी हिस्सेदारी कम करने या समाप्त करने के लिए एकमुश्त बडी मात्रा में बिक्री को छोडकर, ग्रूप कंपनियों के शेयरों, बॉंडो, डिबेंचरों कर्जो या ऋणों में किए गए निवेश की क्रय विक्रय न करती हो;
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वह भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम , 1934 की धारा 45 झ ( ग) तथा 45 झ( च) में यथा वर्णित कोई अन्य वित्तीय गतिविधियों , निम्नलिखित के इत्तर हो.
(ख) निवेश करती है
- बैंक जमाराशियों
- मुद्रा बाजार मिच्युअल फंड सहित मुद्रा बाजार लिखतों,
- सरकारी प्रतिभूतियां तथा
- ग्रूप कंपनियों द्वारा जारी बॉंड या डिबेंचर
(ख) ग्रूप कंपनियों को ऋण स्वीकृत करना तथा
ग) ग्रूप कंपनियों के बदले गारेंटि जारी करना.
ग) कोट किए गए निवेशों के बाजार मूल्य का अर्थ वित्तीय वर्ष , जिसके लिए तुलनपत्र उपलब्ध है, की समाप्ति से ठीक पूर्ववर्ती 26 सप्ताहों की अवधि के दौरन किसी मान्यता प्राप्त शेयर बाजार, स्टॉक एक्सेंज, में जहां निवेश प्रमुखत: सक्रिय रूप से खरीदा - बेचा जाता (ट्रेड होता) रहा हो , में निवेश के कोट किए गए उच्च तथा न्यून भावों का औसत .
घ) वाह्य देयताओं का अर्थ "प्रदत्त पूंजी " तथा "रिजर्व एंव अधिक" को छोडकर , लिखत को जारी करने की तारीख से अधिकत्म 10 वर्ष की अवधी के अंदर अनिवार्य रूप से ईक्विटी शेयर में बदल दिय गया हो, किंतु सभी प्रकार के कर्ज तथा देयताओं जिनके कर्ज की सभी विशेषताएं हो चाहे वे संमिश्र लिखत या अन्यथा जारी करके निर्मित किए गए हों तथा गारंटियों का मूल्य चाहे वे तुलन पत्र में दिखाई गई हो या नहीं सहित तुलनपत्र में देयता की ओर दिखाई देने वाली सभी देयताएं.
ड.) संपूर्ण प्रणाली की दृष्टि महत्वपूर्ण कोर निवेश कंपनी का अर्थ कोर निवेश कंपनी के निम्नलिखित दोनो परिस्थितियों का पूरा करना है
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अन्य कोर निवेश कंपनियों के साथ या तो ग्रूप में कुल या केवल अकेले का कुल परिसंपत्ति रू 100 करोड से कम नहीं होना चाहिए.
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सार्वजनिक निधियों का धारण या उगाही
स्पष्टिकरण :
"ग्रूप में कंपनी" का अर्थ ऎसी व्यवस्था जिसमें दो या दो से अधिक संस्थानों (entities) का निम्नलिखित संबंधो में से किसी के द्वारा एक दुसरे से जुडा रहना. सहायक कंपनी- मूल कंपनी ( एएस 21 के प्रावधानों के तहत परिभाषित), संयुक्त उपक्रम (एएस 27 के प्रावधानों के तहत परिभाषित) , सम्बद्ध (एएस 23 के प्रावधानों के तहत परिभाषित), प्रोमोटर -प्रोमोटी (सेबी विनियमन , 1997 ( शेयरो का अधिग्रहण तथा टेकओवर) के आधार पर) , लिस्टेड कंपनी के लिए, संबंधित पार्टी ( एएस 18 के प्रावधानों के तहत परिभाषित) , सामान ब्रांड वाले नाम एंव ईक्विटी में 20% तथा अधिक का निवेश.
"सार्वजनिक निधि" अर्थात सार्वजनिक जमाराशियां, वाणिज्यिक पत्र, डिबेंचर, अंतर-कार्पोरेट जमायें तथा बैंक वित्त द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निधि की उगाही किंतु लिखत को जारी करने की तारीख से अधिकत्म 10 वर्ष की अवधी के अंदर अनिवार्य रूप से बदले गए ईक्विटी शेयर से बनाये गए निधियों को छोडकर.
च) कुल परिसंपत्ति का अर्थ तुलनपत्र में परिसंपत्ति के तरफ दिखाया जाने वाला कुल परिसंपत्ति .
4. इस संबंध में गहन अनुपालन हेतु 05 जनवरी 2011 की अधिसूचना गैबैंपवि.नीति. प्रभा. संख्या :219/मुमप्र (यूएस)-2011, गैबैंपवि.नीति. प्रभा. संख्या :220/मुमप्र (यूएस)-2011 तथा गैबैंपवि.नीति. प्रभा. संख्या : 221/मुमप्र (यूएस)-2011 (संलग्न) जारी की गई है. उक्त पैराग्राप 01 में संदर्भित दिशानिर्देश जहां इन अधिसूचनाओं से मेल नहीं खाते, इन अधिसूचनाओं में समाहित निदेश मान्य होंगे.
भवदीया,
( उमा सुब्रमणियम )
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |