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अधिसूचनाएं

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की नई परिभाषा – स्पष्टीकरण

आरबीआई/2022-23/52
विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.7/06.02.31/2022-23

19 मई 2022

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी वाणिज्यिक बैंक
(लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक / अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं /
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां

महोदया / महोदय,

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की नई परिभाषा – स्पष्टीकरण

कृपया सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के वर्गीकरण हेतु संशोधित मानदंड के संबंध में दिनांक 2 जुलाई 2020 के परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.3/06.02.31/2020-21, दिनांक 21 अगस्त 2020 के परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.4/06.02.31/2020-21 तथा दिनांक 18 फरवरी 2022 के परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.16/06.02.31/2021-22 का संदर्भ ग्रहण करें।

2. भारत सरकार ने दिनांक 06 मई 2022 के अपने राजपत्र अधिसूचना एस.ओ.2134(अ) के द्वारा, भारत के राजपत्र में प्रकाशित, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार, के दिनांक 26 जून 2020 की अधिसूचना एस.ओ.2119 (अ), के पैरा (7) उप-पैरा (3) में संशोधनों को अधिसूचित किया है।

3. उपरोक्त संशोधन को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट किया जाता है कि:

  1. 30 जून 2020 तक प्राप्त किए गए एमएसएमई के मौजूदा उद्यमी ज्ञापन (ईएम) पार्ट II और उद्योग आधार ज्ञापन (यूएएम) एमएसएमई के रूप में वर्गीकरण के लिए 30 जून 2022 तक तक वैध रहेंगे; और

  2. 30 जून 2020 तक एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए दिनांक 08 मार्च 2017 के ओ.एम. सं. 12(4)/2017-एसएमई (आरबीआई परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एण्‍ड एनएफएस.बीसी.सं.10/06.02.31/2017-18, दिनांक 13 जुलाई 2017), के संदर्भ में प्राप्त किए गए दस्तावेजों की वैधता 30 जून 2022 तक बढ़ा दी गई है।

भवदीया,

(निशा नम्बियार)
मुख्य महाप्रबंधक


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