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क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करने के लिए पात्रता मानदंड, 2022

आरबीआई/2022-23/135
विवि.एयूटी.आरईसी.81/24.01.001/2022-23

01 नवम्बर, 2022

महोदया / महोदय,

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करने के लिए पात्रता मानदंड, 2022

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट होकर कि जनहित में ऐसा करना आवश्यक और समीचीन है, एतद्द्वारा दिनांक 19 नवंबर 2015 के परिपत्र संख्या डीबीआर.आरआरबी बीसी.सं.59/31.01.001/2015-16 द्वारा 'क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा' पर जारी निर्देशों में संशोधन करता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों के लिए डिजिटल बैंकिंग के प्रसार को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, अपने ग्राहकों को लेन-देन की सुविधा के साथ इंटरनेट बैंकिंग की पेशकश करने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए लागू पात्रता मानदंडों को संशोधित किया गया है, जिनका विवरण अनुबंध में संलग्न है।

2. प्रारंभ

यह परिपत्र नवम्बर 01, 2022 से प्रभावी होगा।

3. प्रयोज्यता

यह परिपत्र सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) पर लागू है।

(प्रकाश बलियारसिंह)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करने के लिए पात्रता मानदंड, 2022

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को लेन-देन की सुविधा के साथ इंटरनेट बैंकिंग प्रदान करने के लिए अनुमोदन प्राप्त करने के लिए संशोधित पात्रता मानदंड निम्नानुसार हैं:

ए) कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस (सीबीएस) का पूर्ण कार्यान्वयन और आईपीवी6 में माइग्रेशन।

बी) समय-समय पर लागू न्यूनतम निर्धारित सीआरएआर आवश्यकता का अनुपालन।

सी) पिछले वित्तीय वर्ष के 31 मार्च को 50 करोड़ या उससे अधिक की निवल संपत्ति।

डी) पिछले वित्तीय वर्ष की 31 मार्च की स्थिति के अनुसार नि‍वल एनपीए 5% से अधिक नहीं होना चाहिए।

ई) ठीक पिछले दो वित्तीय वर्षों में नि‍वल लाभ होना चाहिए।

एफ़) तत्काल पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के दौरान सीआरआर/एसएलआर के रखरखाव में चूक का कोई उदाहरण न हो।

जी) बैंक के पास विनियामक अनुपालन का संतोषजनक ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए और पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान आरबीआई के निर्देशों/दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए मौद्रिक दंड का कोई मामला नहीं होना चाहिए।

एच) बैंक के पास एक सीआईएसए योग्य स्वतंत्र लेखा परीक्षक द्वारा अनुमोदित एक मजबूत आंतरिक नियंत्रण प्रणाली होनी चाहिए।

2. लेन-देन की सुविधा के साथ इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के लिए, उपर्युक्त मानदंडों और ‘क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा’ पर 19 नवंबर 2015 के परिपत्र में निर्धारित अन्य शर्तों को पूरा करने वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक नाबार्ड के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत करेंगे जैसा कि उपर्युक्त परिपत्र में निर्धारित किया गया है।


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