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मुद्रा निर्गमकर्ता

रिज़र्व बैंक देश का मुख्य नोट निर्गमकर्ता प्राधिकारी है। भारत सरकार के साथ हम स्वच्छ और असली नोटों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्र की मुद्रा के डिज़ाइन, उत्पादन और समग्र प्रबंध के लिए उत्तरदायी हैं।

प्रेस प्रकाशनी


जनता वैध मुद्रा के रूप में सभी सिक्कों का स्वीकार करना जारी रख सकती है: भारतीय रिज़र्व बैंक

26 जून 2019

जनता वैध मुद्रा के रूप में सभी सिक्कों का स्वीकार करना जारी रख सकती है: भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक भारत सरकार द्वारा ढाले गए सिक्कों को प्रचलन में रखता है। इन सिक्कों की विशिष्ट विशेषताएं हैं। समय-समय पर सिक्के नए मूल्यवर्ग में जनता की लेनदेन की जरूरतों को पूरा करने के लिए और नए डिजाइनों में विभिन्न विषयों - आर्थिक, सामाजिक और संस्कृति को प्रतिबिंबित करते हुए जारी किए जाते हैं। चूंकि सिक्के लंबी अवधि तक प्रचलन में रहते हैं, विभिन्न डिजाइनों और आकृतियों के सिक्के एक ही समय में परिचालित होते रहते हैं। वर्तमान में, 50 पैसे के सिक्के, 1/-, 2/-, 5/- और 10/- के मूल्यवर्ग के विभिन्न आकार, विषय और डिजाइनवाले सिक्के प्रचलन में हैं।

यह सूचना मिली है कि कुछ स्थानों पर, ऐसे सिक्कों की वास्तविकता के बारे में संदेह के परिणामस्वरूप कुछ व्यापारियों, दुकानदारों और जनता के बीच इन सिक्कों को स्वीकारने के लिए अनिच्छा दिखाई देती है, जिससे देश के कुछ क्षेत्रों में सिक्कों के सहज प्रयोग और प्रचलन पर रोक लग जाती है।

रिज़र्व बैंक जनता से अपील करता है कि जनता ऐसी अफवाहों पर विश्वास न करें और इन सिक्कों को बिना किसी झिझक के अपने सभी लेन-देन में वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करना जारी रखें।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को अलग से एक बार फिर निदेश जारी किए हैं कि वे अपनी सभी शाखाओं में लेन-देन और विनिमय के लिए सिक्के स्वीकार करें, जैसाकि दिनांक 2 जुलाई 2018 के पत्र डीसीएम (एनई) संख्या जी-2/08.07.18/2018-19 द्वारा सूचित किया गया था तथा इस पत्र को 14 जनवरी 2019 को अद्यतित किया गया था

योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/3056

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