आरबीआई का मुख्य उद्देश्य , मूल्य और विजन

मुख्य प्रयोजन

संधारणीय आर्थिक वृद्धि के अनुरूप मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता को प्रोत्साहन देना और एक सक्षम तथा समावेशी वित्तीय प्रणाली का विकास सुनिश्चित करना।

मुख्य प्रयोजन राष्ट्र के प्रति रिज़र्व बैंक की वचनबद्धता दर्शाता है:

  • रुपया के आंतरिक और बाह्य मूल्य में विश्वास बढ़ाना और समष्टि आर्थिक स्थिरता में योगदान देना;
  • वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले बाजारों और संस्थाओं को विनियमित करना;
  • वित्तीय और भुगतान प्रणाली में सत्यनिष्ठा, कार्यकुशलता, समावेशिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना;
  • मुद्रा का सक्षम प्रबंध तथा सरकार और बैंकों के लिए बैंकिंग सेवाएं सुनिश्चित करना; और
  • देश के संतुलित, समान और संधारणीय आर्थिक विकास में सहयोग देना।

मूल्य

भारतीय रिज़र्व बैंक निम्नलिखित साझा मूल्यों के प्रति वचनबद्ध है जो बैंक के मुख्य प्रयोजन क लिए संगठनात्मक निर्णयों तथा कर्मचारियों के कार्यों में मार्गदर्शन देते हैं:

  • सार्वजनिक हित
  • भारतीय रिज़र्व बैंक अपने कार्यों और नीतियों में सार्वजनिक हित और आमजनता की भलाई को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

  • विचारों की सत्यनिष्ठा और स्वतंत्रता
  • भारतीय रिज़र्व बैंक खुलेपन, विश्वास और जवाबदेही के माध्यम से विचारों की सत्यनिष्ठा और स्वतंत्रता के उच्च मानक बनाए रखने का प्रयास करता।

  • उत्तरदायित्व और नवोन्मेष
  • भारतीय रिज़र्व बैंक एक गतिशील संस्था बनने का प्रयास करता है जो आमजनता की आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी है और नवोन्मेष और पूछताछ की भावना को प्रोत्साहित करती है।

  • विविधता और समावेशिता
  • भारतीय रिज़र्व बैंक विविधता और समावेशिता का ध्यान रखता है और उसका समर्थन करता है।

  • आत्मविश्लेषण और विशिष्टता की खोज़
  • भारतीय रिज़र्व बैंक स्व-मूल्यांकन, आत्मविश्लेषण और व्यावसायिक विशिष्टता के प्रति वचनबद्ध है।

विज़न

अपनी विश्वसनीय, पारदर्शी और अग्रसक्रिय नीतियों के लिए विख्यात भारतीय रिज़र्व बैंक एक अग्रणी केंद्रीय बैंक के रूप में सार्वजनिक हित और आमजनता की भलाई के प्रति वचनबद्ध है।

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