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एमएसएमई के लिए ब्याज अनुदान (सबवेंशन) योजना - सहकारी बैंक

भा.रि.बैं/2020-2021/48
डीओआर (पीसीबी).बीपीडी.परि.सं.3/13.05.001/2020-21

7 अक्टूबर 2020

प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
सभी राज्य सहकारी बैंक
सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंक

महोदय / महोदया,

एमएसएमई के लिए ब्याज अनुदान (सबवेंशन) योजना - सहकारी बैंक

भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए 2 नवंबर, 2018 को 'एमएसएमई के लिए ब्याज अनुदान योजना 2018' की घोषणा की थी। योजना के कार्यान्वयन के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा जारी मुख्य विशेषताओं और परिचालन दिशानिर्देशों की एक प्रति संलग्न है। भारत सरकार ने 3 मार्च, 2020 से सहकारी बैंकों को भी पात्र ऋणदाता संस्थानों के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है।

2. इस योजना में पात्र एमएसएमई को योजना की वैधता अवधि के दौरान उनके बकाया नए/वृद्धिशील अवधि-ऋण/कार्यशील पूंजी पर दो प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज राहत प्रदान की जाती है। योजना का कवरेज सभी सावधि ऋण / कार्यशील पूंजी के लिए रु.100 लाख तक सीमित है। ऋण खातों को दावा दायर करने की तिथि पर अद्यतन दिशानिर्देशों के अनुसार एनपीए घोषित नहीं किया हुआ होना चाहिए। जिस अवधि में खाता एनपीए रहता है, उस अवधि के लिए कोई ब्याज अनुदान स्वीकार्य नहीं होगा।

3. योजना के लिए पूर्वोक्त परिचालन दिशानिर्देशों (संलग्न योजना के पैरा 2.1, 2.2, और 2.4) को सरकार द्वारा आगे निम्नानुसार संशोधित किया गया हैः

क) योजना की वैधता 31 मार्च 2021 तक बढा दी गई है। तदनुसार, सहकारी बैंकों द्वारा 3 मार्च 2020 के उपरान्त दिये गए वृद्धिशील सावधि ऋण/ कार्यशील पूंजी इस योजना के तहत कवरेज के लिए पात्र होंगे।

ख) पात्र संस्थानों द्वारा निर्धारित अर्धवार्षिक के लिए कई लॉट में दावों की स्वीकृति की अनुमति है।

ग) जीएसटी के लिए पात्र इकाइयों के लिए उद्योग आधार संख्या (यूएएन) की आवश्यकता को समाप्त किया जा सकता है। जिन इकाइयों को जीएसटीएन प्राप्त करने की आवश्यकता नही है, वे या तो आयकर स्थायी खाता संख्या (पैन) प्रस्तुत कर सकते हैं या उनका ऋण खाता संबंधित बैंक द्वारा एसएसएमई के रूप में वर्गीकृत होना चाहिए।

घ) ट्रेडिंग गतिविधि भी ब्याज सबवेंशन के लिए पात्र है तथा उद्योग आधार संख्या (यूएएन) के बिना भी ट्रेडिंग गतिविधियों को योजना के तहत कवर करने की अनुमति दी गई है।

तदनुसार, संलग्न योजना को उपरोक्त संशोधनों के साथ पढ़ा जाए।

4. लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) इस योजना के लिए राष्ट्रीय स्तर की एकल नोडल कार्यान्वयन एजेंसी है। पात्र ऋणदाता संस्थाओं के नोडल कार्यालय दावा प्रस्तुत करने हेतु योजना में दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार अपने अर्ध-वार्षिक दावे सिडबी को संलग्न प्रारूपों में प्रस्तुत करें।

5. सहकारी बैंक उक्त परिचालन दिशानिर्देशों में यथा-उल्लिखित उचित कार्रवाई करें तथा योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए अपनी शाखाओं / नियंत्रण कार्यालयों को आवश्यक निर्देश जारी करें।

भवदीय

(नीरज निगम)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्नक : उपर्युक्त के अनुसार


एमएसएमई के लिए ब्याज अनुदान योजना, 2018

1. पृष्ठभूमि:

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम [एमएसएमई] क्षेत्र मजबूत और स्थाई राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के निर्माण में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है। दिनांक 2 नवंबर 2018 को एमएसएमई क्षेत्र के लिए आउटरिच पहल का आरंभ करते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि ऋण तक पहुँच, बाजार तक पहुँच, प्रौद्योगिकी उन्नयन, व्यवसाय करने में आसानी और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की भावना, एमएसएमई क्षेत्र को सुविधाजनक बनाने के लिए पाँच प्रमुख तत्व हैं। इन पाँच श्रेणियों में से प्रत्येक के समाधान हेतु बारह घोषणाएँ की गई हैं। ऋण तक पहुँच के भाग के रूप में, प्रधानमंत्री ने नई या वृद्धिशील ऋणों पर सभी जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई के लिए 2% ब्याज अनुदान की घोषणा की थी।

एमएसएमई मंत्रालय (एमओएमएसएमई) ने निर्णय लिया है कि वर्ष 2018-19 और 2019 -20 में एक नई योजना अर्थात “एमएसएमई को वृद्धिशील ऋण हेतु ब्याज सबवेंशन योजना – 2018” लागू की जाए।

2. योजना की मुख्य विशेषताएं

2.1 उद्देश्य, व्यापकता और अवधि

इस योजना का उद्देश्य विनिर्माण एवं सेवा उद्यमों दोनों के उत्पादकता को बढ़ाना एवं जीएसटी प्लेटफार्म पर आने हेतु एमएसएमई को प्रोत्साहित करना है, जिससे ऋण की लागत में कमी होगी एवं अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप प्रदान करने में मदद मिलेगी। यह योजना दो वित्त वर्ष अर्थात वित्त वर्ष 2019 और वित्त वर्ष 2020* की अवधि के लिए परिचालन में रहेगी।

2.2 कवरेज के लिए पात्रता

(i) ऐसे सभी एमएसएमई जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करेंगे, इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के रूप में पात्र होंगे:

  1. मान्य उद्योग आधार संख्या [यूएएन]

  2. मान्य जीएसटीएन संख्या

(ii) वर्तमान वित्त वर्ष अर्थात 02 नवंबर 2018 से तथा अगले वित्त वर्ष* के दौरान प्रदान किए जाने वाले वृद्धिशील मीयादी ऋण या नया मीयादी ऋण अथवा वृद्धिशील या नया कार्यशील पूंजी, कवरेज के लिए पात्र होंगे।

(iii) मीयादी ऋण या कार्यशील पूंजी को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा प्रदान किया जाना चाहिए।

* बाद में वित्त-वर्ष 2020-21 तक विस्तारित

(iv) अधिकतम कवरेज और आउटरीच सुनिश्चित करने हेतु, सभी कार्यशील पूंजी या मीयादी ऋण, केवल योजना की अवधि के दौरान ही रु.100 लाख की सीमा तक कवरेज के लिए पात्र होंगे।

(v) जहां कहीं पात्र संस्थान द्वारा किसी एमएसएमई को कार्यशील पूंजी और मीयादी ऋण दोनों की सुविधा प्रदान करती है, ब्याज अनुदान के रूप में अधिकतम रु.100 की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।

(vi) वाणिज्य विभाग के अंतर्गत लदानपूर्व या पोत-लदानोत्तर ऋण हेतु ब्याज अनुदान का लाभ उठाने वाले एमएसएमई निर्यातक, एमएसएमई को वृद्धिशील ऋण हेतु ब्याज अनुदान योजना – 2018 के अंतर्गत सहायता के लिए पात्र नहीं होंगे।

(vii) ऐसे एमएसएमई जो पहले से ही राज्य/केंद्र सरकार की किसी भी योजना के अंतर्गत ब्याज अनुदान का लाभ प्राप्त कर रहे हैं, प्रस्तावित योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र नहीं होंगे।

2.3 परिचालन संबंधी औपचारिकताएं

  1. ब्याज राहत की गणना, पात्र संस्थानों द्वारा संवितरित वृद्धिशील या नए मीयादी ऋण या स्वीकृत वृद्धिशील या नए कार्यशील पूंजी की राशि पर या योजना के अधिसूचना की तारीख या संवितरण / आहरण की तारीख से समय-समय पर बकाया राशि, जो भी बाद में हो, के आधार पर दो प्रतिशत पॉइंट प्रति वर्ष (2% प्रति वर्ष) के रूप में की जाएगी।

  2. एमएसएमई पर प्रभारित ब्याज की दर संबंधित संस्थानों द्वारा (आरबीआई के वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार) प्रकाशित आचार संहिता और उचित व्यवहार संहिता के अनुरूप होगी तथा संस्था के लागू ब्याज दर दिशानिर्देशों के अनुसार एमएसएमई से ​​संबंधित आंतरिक / बाह्य रेटिंग से लिंक होनी चाहिए।

  3. दावा प्रस्तुत करने की तारीख को ऋण खाते, लागू वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार एनपीए घोषित न किये गये हो। यदि किसी भी अवधि में खाता एनपीए रहा हो, तो उस अवधि हेतु कोई ब्याज अनुदान स्वीकार्य नहीं होगा।

2.4 दावा प्रस्तुत करना

  1. पात्र ऋण संस्थानों के नोडल कार्यालय अपने अर्धवार्षिक दावों को अनुबंध I में दिए गए प्रारूप के अनुसार सीडबी को प्रस्तुत करेंगे। संवितरित किया गया ऋण तथा ब्याज छूट हेतु किए गए दावा से संबंधित सूचना (शाखा-वार) दिए गए प्रारूप के अनुबंध II में एक्सेल में सॉफ्ट कॉपी के रूप में प्रस्तुत की जाए।

  2. पात्र संस्थानों की शाखाओं द्वारा डेटा के संकलन हेतु प्रारूप अनुबंध III में दिया गया है। शाखाओं द्वारा इस डेटा को अपने नियंत्रक कार्यालयों / प्रधान कार्यालयों में प्रस्तुत किया जाए।

  3. सभी दावों को पात्र संस्थानों के सांविधिक लेखापरीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित किया जाना चाहिए। प्रमाणपत्र में प्रत्येक खातों के सत्यापन संबंधी विवरण के साथ-साथ राशि, वृद्धिशील / नए उधार, प्रभारित ब्याज और दावा की गई राशि से संबंधित सूचना होनी चाहिए। उधारकर्ता संस्थाएं यह सुनिश्चित करें कि अनुबंध I, II और III में उल्लेख किए गए अनुसार दावा की कुल राहत राशि उसके अनुरूप हो।

  4. अर्धवार्षिक दावे, मुख्य महाप्रबंधक, संस्थागत वित्त कार्यक्षेत्र, सिडबी, मुंबई, को प्रस्तुत किए जाएँ।

  5. एमओएमएसएमई से निधि जारी होने के बाद ही अलग-अलग संस्था से प्राप्त प्रत्येक दावों के लिए संवितरण किया जाएगा।

2.5 अन्य प्रसंविदा

  1. सिडबी अपने नोडल कार्यालय के माध्यम से विभिन्न ऋण संस्थानों में ब्याज अनुदान को चैनलाइज करने के उद्देश्य से एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।

  2. सभी ऋण देने वाली संस्थाएँ सही आंकड़े जमा करने और योजना की निगरानी के लिए उत्तरदायी होंगी।

  3. पात्र संस्थानों के सांविधिक लेखापरीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित दावों के आधार पर ही ब्याज अनुदान जारी किया जाएगा। उधारकर्ता संस्थानों द्वारा किसी भी गलत डेटा के प्रस्तुतीकरण हेतु सिडबी उत्तरदायी नहीं होगा।

  4. भारत सरकार से प्राप्त निधि के अधीन, सिडबी द्वारा ब्याज अनुदान की राशि जारी की जाएगी। इसके अलावा, एमओएमएसएमई, भारत सरकार, ब्याज अनुदान संबंधी सभी मामलों के लिए अंतिम प्राधिकरण होगा और उनका निर्णय अंतिम एवं बाध्यकारी होगा। पात्र संस्थानों द्वारा निधि की प्राप्ति को ‘निधि का उपयोग प्रमाण पत्र’ माना जाएगा।


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