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विदेशी मुद्रा प्रबंधक

भारतीय रुपए के बाहरी मूल्‍य के निर्धारण के लिए बाज़ार-आधारित प्रणाली में परिवर्तन के साथ विदेशी मुद्रा बाज़ार ने सुधार अवधि की शुरुआत से ही भारत में ज़ोर पकड़ा है।

प्रेस प्रकाशनी


2019-20 के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोत

30 जून 2020

2019-20 के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोत

आज पहले, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर जनवरी-मार्च 2020 के भुगतान संतुलन (बीओपी) के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के आधार पर 2019-20 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोतों का समेकन किया गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोत : 2019-20

2019-20 के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि दर्ज हुई। विदेशी मुद्रा भंडार में हुए परिवर्तन के स्रोत नीचे सारणी 1 में दर्शाए गए हैं:

सारणी 1: विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोत *
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
मदें 2019-20  2018-19
I.   चालू खाता शेष -24.7 -57.3
II.   पूंजी लेखा (निवल राशि) (क से च तक) 84.2 53.9
  क. विदेशी निवेश (i+ii) 44.4 30.1
    (i) प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) 43.0 30.7
    (ii) संविभाग निवेश 1.4 -0.6
    जिसमें से:    
    विदेशी संस्थागत निवेश(एफआईआई) 0.6 -2.2
    एडीआर/जीडीआर 0.0 1.8
  ख. बैंकिंग पूंजी -5.3 7.4
    जिसमें से : एनआरआई जमाराशियां 8.6 10.4
  ग. अल्‍पावधिक ऋण -1.0 2.0
  घ. बाह्य सहायता 3.8 3.4
  ङ. बाह्य वाणिज्यिक उधार 23.0 10.4
  च. पूंजी लेखे में शामिल अन्‍य मदें 19.4 0.5
III.   मूल्‍यांकनगत परिवर्तन 5.4 -8.3
    कुल (I+II+III) @
भंडार में बढ़ोतरी (+) / भंडार में कमी (-)
64.9 -11.7
* बीओपी के पुराने फार्मेट पर आधारित हैं जो चालू खाते और संविभाग निवेश के अंतर्गत एडीआर/जीडीआर के अंतरणों के संव्यवहार में नए फार्मेट (बीपीएम6) से भिन्न हो सकते हैं।
@: अंतर, यदि कोई हो पूर्णांकन के कारण है
नोट: ‘पूंजी लेखे में अन्‍य लेखे’ के अंतर्गत ‘भूल और चूक’ के अलावा एसडीआर आबंटन, निर्यात में घट-बढ़, विदेशों में रखी निधि, एफडीआई के अंतर्गत प्राप्‍त ऐसे अग्रिम, जिनका निर्गम नहीं किया गया है तथा जिन्‍हें और कहीं शामिल नहीं किया गया है ऐसी पूंजीगत प्राप्तियां और रुपया मूल्‍यवर्गित ऋण शामिल हैं।

भुगतान संतुलन (अर्थात मूल्‍यांकन प्रभावों को छोड़कर) के आधार पर 2019-20 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 59.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि 2018-19 के दौरान उसमें 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी दर्ज हुई थी। 2019-20 में विदेशी मुद्रा भंडार में नाममात्र (मूल्‍यांकन प्रभावों सहित) 64.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, वहीं पिछले वर्ष की समान अवधि में 11.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी हुई थी (सारणी 2)।

सारणी 2: भंडार में परिवर्तन की तुलनात्‍मक स्थिति
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
मदें 2019-20 2018-19
1 विदेशी मुद्रा भंडार में घट-बढ़
(मूल्‍यांकन प्रभावों सहित)
64.9 -11.7
2 मूल्‍यांकन प्रभाव
(अभिलाभ (+)/हानि (-))
5.4 -8.3
3 बीओपी के आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन
(अर्थात मूल्‍यांकन प्रभावों को छोड़कर)
59.5 -3.3
नोट : भंडार में बढ़ोतरी (+)/भंडार में कमी (-)
पूर्णांकन के कारण अंतर, यदि कोई हो

सोने की कीमतों में वृद्धि को दर्शाते हुए मूल्यांकन लाभ, 2019-20 के दौरान 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि 2018-19 के दौरान 8.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2569

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