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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगड, महाराष्ट्र

15 जून 2020

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित
धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगड, महाराष्ट्र

जन साधारण के सूचनार्थ एतद्वारा सूचित किया जाता है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा धारा 56 के साथ पठित उक्त अधिनियम की धारा 35 ए की उपधारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 15 जून 2020 के निदेश संदर्भ संख्या. डीओएस.सीओ.यूसीबीएस-पश्चिम/डी-1/12.07.157/2019-20 द्वारा कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगड, महाराष्ट्र को कुछ निदेश जारी किए हैं, जिसके तहत 15 जून 2020 को कारोबार की समाप्ति से पूर्वोक्त बैंक के प्रशासक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेंगे या उसका नवीकरण नहीं करेंगे, कोई निवेश नहीं करेंगे, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेंगे, कोई भुगतान नहीं करेंगे और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होंगे भले ही, भुगतान उनकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेंगे और रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 जून 2020 के निदेश, जिसकी प्रति जनता के हितबद्ध सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई हैं, में अधिसूचित के अलावा अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेंगे, न अंतरित करेंगे या अन्यथा रीति से उसका निपटान करेंगे। विशेषकर, सभी जमाकर्ताओं के सभी बचत खातों अथवा चालू खातों अथवा अन्य जमा खातों मे कुल राशि में से 500 (पाँच सौ रुपये) से अधिक की निकासी की अनुमति नहीं होगी।

2. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।

3. ये निदेश 15 जून 2020 के कारोबार की समाप्ति से अगले छह महीनों की अवधि के लिए लागू तथा समीक्षाधीन रहेंगे।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2501

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