Click here to Visit the RBI’s new website

शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 क के तहत दिशानिर्देश - श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना - वैधता अवधि का विस्तार

07 जनवरी 2020

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 क के तहत दिशानिर्देश - श्री भारती
को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना - वैधता अवधि का विस्तार

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनहित में श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 क में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश जारी किए हैं। यह निदेश 02 जनवरी 2019 को कारोबार समाप्ति से लागू और 02 जुलाई 2019 तक वैध थे, जो कि समीक्षाधीन है। दिनांक 21 जून 2019 के निदेश डीसीबीआर.सीओ.एआईडी/डी-50/12.24.101/2018-19 के माध्यम से दिनांक 27 दिसंबर 2018 के निदेश की वैधता को 3 जुलाई 2019 से 02 जनवरी 2020 तक अगले छह माह के लिए बढ़ाया गया था।

2. एतदद्वारा जनता के सूचनार्थ यह अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना को जारी निदेश की संचालन अवधि को 03 जनवरी 2020 से 02 अप्रैल 2020 तक अगले तीन माह के लिए बढ़ाया जाना आवश्यक है, जो कि समीक्षाधीन रहेंगे। निदेश के अन्य निबंधन एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

निदेश की एक प्रति बैंक परिसर में जनता के अवलोकनार्थ प्रदर्शित की गयी है।

(योगेश दयाल)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1636

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष