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वित्तीय समावेशन और विकास

यह कार्य वित्तीय समावेशन, वित्तीय शिक्षण को बढ़ावा देने और ग्रामीण तथा एमएसएमई क्षेत्र सहित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्ध कराने पर नवीकृत राष्ट्रीय ध्यानकेंद्रण का सार संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

अधिसूचनाएं


प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी लक्ष्य – आगे उधार दिए जाने हेतु एनबीएफसी को बैंकों द्वारा ऋण

भारिबैं/2019-20/179
विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.सं.19/04.09.01/2019-20

23 मार्च 2020

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर)

महोदया/महोदय,

प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी लक्ष्य – आगे उधार दिए जाने हेतु एनबीएफसी को बैंकों द्वारा ऋण

कृपया दिनांक 13 अगस्त 2019 के हमारे परिपत्र सं. विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.7/04.09.01/2019-20 को देखें जिसमें अन्य निर्देशों के साथ-साथ यह सूचित किया गया था कि आगे उधार दिए जाने हेतु पंजीकृत एनबीएफसी (एमएफआई के अलावा) को बैंक ऋण, 31 मार्च 2020 तक संबंधित श्रेणियों के तहत प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के रूप में वर्गीकरण के लिए पात्र होंगे तथा उसके बाद इसकी समीक्षा की जाएगी।

2. तदनुसार, समीक्षा के उपरांत, यह निर्णय लिया गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आगे उधार दिए जाने हेतु एनबीएफसी को बैंक द्वारा दिये गए ऋणों के लिए प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र संबंधी वर्गीकरण का विस्तार किया जाए। साथ ही, ऑन-लेंडिंग मॉडल के तहत संवितरित ऋणों को चुकौती/परिपक्वता की तारीख तक प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के तहत वर्गीकृत किया जाना जारी रहेगा।

3. आगे उधार दिये जाने हेतु पंजीकृत एनबीएफसी (एमएफआई के अलावा) और एचएफसी को बैंक ऋण, व्यक्तिगत बैंक के कुल प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार के पांच प्रतिशत की समग्र सीमा के भीतर, दिये जाने की अनुमति है । इसके अतिरिक्त, बैंक, नियत उच्चतम सीमा के पालन को निर्धारित करने के लिए चार तिमाहियों के औसत द्वारा ऑन-लेंडिंग व्यवस्था के तहत पात्र पोर्टफोलियो की गणना करेंगे।

भवदीय,

(गौतम प्रसाद बोरा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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