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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना- सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ)

भारिबैं/2019-20/189
विवि.सं.आरईटी.बीसी/12.01.001/2019-20

27 मार्च 2020

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय/ महोदया

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना- सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ)

कृपया सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) पर दिनांक 17 अप्रैल 2012 का परिपत्र बैंपविवि.सं.आरईटी.बीसी.95/12.02.001/2011-12, दिनांक 29 अक्तूबर 2014 का परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(एससीबी).परि.सं.1/16.27.000/2014-15 और दिनांक 16 अगस्त 2018 का परिपत्र डीसीबीआर.बीपीडी.(पीसीबी/आरसीबी)परि.सं.3/16.27.000/2018-19 देखें।

2. 27 मार्च 2020 के विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किए गए अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि तत्काल प्रभाव से एमएसएफ योजना के अंतर्गत अनुसूचित बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) की उधार सीमा, दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंत में उनके निवल मांग और मीयादी देयताओं के 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत किया गया है। यह बढ़ाई गई सीमा 30 जून 2020 तक लागू रहेगी।

3. कृपया पावती दें।

भवदीय

(डॉ एस के कर)
मुख्य महाप्रबंधक

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