विदेशी मुद्रा प्रबंधक

भारतीय रुपए के बाहरी मूल्‍य के निर्धारण के लिए बाज़ार-आधारित प्रणाली में परिवर्तन के साथ विदेशी मुद्रा बाज़ार ने सुधार अवधि की शुरुआत से ही भारत में ज़ोर पकड़ा है।

अधिसूचनाएं


माल तथा सेवाओं का निर्यात निर्यात से प्राप्त आय की वसूली तथा प्रत्यावर्तन – छूट

भा.रि.बैंक/2019-20/206
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 27

01 अप्रैल 2020

सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/ महोदय

माल तथा सेवाओं का निर्यात
निर्यात से प्राप्त आय की वसूली तथा प्रत्यावर्तन – छूट

वैश्विक महामारी COVID-19 के प्रकोप के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार तथा रिज़र्व बैंक को निर्यातकों के व्यापारिक निकायों की ओर से निर्यात पर प्राप्त होने वाली आय की वसूली संबंधी अवधि को बढ़ाने के विषय में अभ्यावेदन प्राप्त हो रहे हैं। अतः भारत सरकार के साथ परामर्श कर के यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 31 जुलाई 2020 तक अथवा इस तिथि को निर्यात किए गए माल या सॉफ्टवेयर अथवा सेवाओं के पूर्ण निर्यात-मूल्य को दर्शाने वाली राशि की वसूली तथा भारत में उक्त राशि के प्रत्यावर्तन की मौजूदा अवधि को निर्यात की तारीख से नौ महीने से बढ़ा कर पंद्रह महीने किया जाए।

2. भारत के बाहर संस्थापित माल गोदामों को निर्यात किए गए माल के संपूर्ण निर्यात मूल्य की वसूली तथा भारत में प्रत्यावर्तन की अवधि से संबंधित प्रावधान अपरिवर्तित बने रहेंगे ।

3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं ।

4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।

भवदीय

(अजय कुमार मिश्र)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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