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सरकारों और बैंकों का बैंकर

व्यक्तियों, व्यवसायों और बैंकों की तरह, सरकारों को भी अपने वित्तीय लेनदेन को कुशल और प्रभावी तरीके से करने के लिए एक बैंकर की आवश्यकता होती है। सरकार के बैंकिंग लेन-देन का प्रबंधन करना, रिज़र्व बैंक को सौंपा गया एक महत्वपूर्ण कार्य है। दूसरी ओर, बैंकों को भी निधि अंतरण और अन्‍य बैंकों से उधार लेने या देने तथा ग्राहक के लेनदेनों को पूरा करने के लिए अपनी एक व्‍यवस्‍था ज़रूरी होती है। बैंकों के बैंकर के रूप में रिज़र्व बैंक यह भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


प्रत्‍यक्ष कर का संग्रहण संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक का मास्‍टर परिपत्र - ओएलटीएएस

भा.रि.बैं/2019-20/113
डीजीबीए.जीबीडी.सं.1141/42.01.034/2019-20

12 दिसम्बर 2019

प्रति

सभी एजेंसी बैंक

महोदया/ महोदय

प्रत्‍यक्ष कर का संग्रहण संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक का मास्‍टर परिपत्र - ओएलटीएएस

कृपया प्रत्‍यक्ष करों के संग्रहण के संबंध में दिनांक 25 अगस्‍त 2016 का हमारा परिपत्र डीजीबीए.जीएडी.सं.458/42.01.034/2016-17 और दिनांक 14 अक्‍तूबर 2016 का परिपत्र डीजीबीए.जीएडी.सं.910/42.01.034/2016-17 देखें जिसमें यह स्‍पष्‍ट किया गया था कि ओएलटीएएस के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया गया मास्‍टर परिपत्र जो उपर्युक्त विषय पर समेकित अनुदेशों से संबंधित है को हटा दिया गया है और उसमें सूचीबद्ध किए गए 35 परिपत्रों के संबंध में संबंधित सरकारी विभागों के साथ परामर्श करने के बाद यथा समय सूचित किया जाएगा। तद्नुसार, ये परिपत्र अब तक लागू थे।

2. अब यह सूचित किया जाता है कि ओएलटीएएस संबंधी मास्‍टर परिपत्र में दिख रहे सभी 35 परिपत्रों के बारे में प्रधान मुख्‍य लेखा नियंत्रक का कार्यालय, केंद्रीय बोर्ड प्रत्‍यक्ष कर से वर्तमान परिदृश्‍य में इसकी प्रासंगिकता, जारीकर्ता प्राधिकारी आदि के आधार पर परामर्श कर हमने इसकी समीक्षा की है, यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के हस्‍ताक्षर के अंतर्गत जारी किए गए ईकत्‍तीस परिपत्रों अनुबंध-। में दिए गए अनुसार, को तत्‍काल प्रभाव से हटा दिया जाए।

3. कृपया यह नोट किया जाए कि तथापि भारतीय रिज़र्व बैंक के हस्‍ताक्षर के अंतर्गत जारी किए गए परिपत्रों को हटा दिया गया है, प्रधान मुख्‍य लेखा नियंत्रक के कार्यालय, केंद्रीय बोर्ड प्रत्‍यक्ष कर द्वारा जारी किए गए अनुदेश, जहांकहीं लागू हों, लागू रहेंगे। साथ ही, भारतीय रिज़र्व बैंक के हस्‍ताक्षर के अंतर्गत जारी चार परिपत्र अनुबंध -।। में दिए गए अनुसार परिचालन में बने रहेंगे।

भवदीय

(पार्था चौधुरी)
महाप्रबंधक

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