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सुचारू ढ़ंग से कार्य करने वाले, चलनिधि युक्त और लचीले वित्तीय बाजार मौद्रिक नीति अंतरण और भारत के विकास के वित्तपोषण में अपरिहार्य जोखिमों के आवंटन और अवशोषण में सहायता करते हैं।

अधिसूचनाएं


रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव बाजारों (रिज़र्व बैंक) में अनिवासी सहभागिता संबंधी निदेश, 2019

आरबीआई/2018-19/151
एफएमआरडी.डीआईआरडी.13/14.03.041/2018-19

27 मार्च 2019

प्रति

रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव बाजारों के सभी सहभागी

महोदय / महोदया

रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव बाजारों (रिज़र्व बैंक) में अनिवासी सहभागिता संबंधी निदेश, 2019

कृपया अप्रैल 2018 के द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य का अवलोकन कीजिए जिसमें यह घोषणा की गई थी कि अनिवासियों को भारत में रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव (आईआरडी) बाजार में प्रवेश दिया जाएगा।

2. सार्वजनिक टिप्‍पणियों के लिए 5 दिसम्‍बर 2018 को इन निदेशों के प्रारूप जारी किए गए थे। बाजार के सहभागियों से प्राप्‍त फीडबैक के आधार पर अब रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव बाजारों (रिज़र्व बैंक) में अनिवासी सहभागिता संबंधी निदेश, 2019 को अंतिम रूप दिया जा चुका है। ये निदेश इसके साथ संलग्‍न हैं।

3. इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 (W) के तहत प्रदत्‍त शक्तियों और इस संबंध में प्रदत्‍त सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया गया है।

भवदीय

(टी. रबी शंकर)
मुख्‍य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग
केन्‍द्रीय कार्यालय, फोर्ट
मुम्‍बई – 400 001

अधिसूचना सं. एफएमआरडी.डीआईआरडी.14/2019 दिनांक 27 मार्च 2019

रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव बाजारों (रिज़र्व बैंक) में अनिवासी सहभागिता संबंधी निदेश, 2019

भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसे ‘रिज़र्व बैंक’ कहा गया है) ने लोक हित में इसे जरूरी समझते हुए और देश की वित्‍तीय प्रणाली को लाभदायक रूप से नियंत्रित करने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे ‘अधिनियम’ कहा गया है) की धारा 45 यू के साथ पठित धारा 45 डब्ल्यू द्वारा प्रदत्‍त और इस संबंध में प्रदत्‍त सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारत में ब्‍याज दर डेरिवेटिव में सहभागिता अथवा लेनदेन करने के लिए पात्र अनिवासियों सहित सभी संस्‍थानों के लिए निम्‍नलिखित निदेश जारी किए जाते हैं|

1. इन निदेशों का संक्षिप्‍त शीर्षक और प्रवर्तन

इन निदेशों को ‘रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव बाजारों (रिज़र्व बैंक) में अनिवासी सहभागिता संबंधी निदेश, 2019' कहा जाएगा।

ये निदेश मान्‍यताप्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेन्‍जों, इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्मों (ईटीपी) और ओवर-दि-काउन्‍टर (ओटीसी) बाजारों में, इन निदेशों में उल्लिखित सीमा तक, भारत में किए गए रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव लेनदेन के लिए अनुमेय होंगे।

ये निदेश तत्‍काल प्रभाव से लागू होंगे।

2. परिभाषाएं

यदि संदर्भ में अन्‍यथा अपेक्षित नहीं हो तो इन निदेशों के प्रयोजन से

  1. हेजिंग डेरिवेटिव लेनदेन का ऐसा क्रियाकलाप है जो अभिनिर्धारण योग्‍य और परिमेय जोखिम को कम करने के लिए किया जाता है। इन निदेशों के प्रयोजन से संगत जोखिम का नाम रुपया ब्‍याज दर जोखिम है।

  2. ब्‍याज दर स्‍वैप एक निर्दिष्‍ट अवधि के दौरान नियमित अवसरों पर ‘नोशनल मूलधन’ के लिए ब्‍याज के भुगतानों के वर्ग के विनिमय अथवा स्‍वैपिंग करने वाले दो पक्षों के बीच की जाने वाली वित्‍तीय संविदा है।

  3. मार्केट मेकर रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित ऐसी संस्‍था है जो अनिवासियों को नीलामी और प्रस्‍ताव कीमतें प्रदान करती है।

  4. संबंधित संस्‍थान वे संस्‍थान हैं जिनकी परिभाषा अंतरराष्‍ट्रीय लेखांकन मानक-24 (आइएएस-24) के पैरा-9 में दी गई है।

  5. अनिवासी एक ऐसा व्‍यक्ति है जो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 2 (डबल्यू) में यथा-परिभाषित है।

  6. ओवरनाइट इन्‍डेक्‍स्‍ड स्‍वैप (ओआईएस) ब्‍याज दर स्‍वैप है जो कि ओवरनाइट मुंबई इंटरबैंक आउटराइट रेट (माइबोर) बेंचमार्क पर आधारित होता है जिसका प्रकाशन फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्रा. लि. (एफबीआईएल) द्वारा किया जाता है।

  7. मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेन्‍ज का वही अर्थ रहेगा जो प्रतिभूति संविदा विनियमन अधिनियम, 1956 की धारा 2(एफ) के तहत निर्धारित किया गया है।

  8. प्रयोक्‍ताओं का आशय रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव मार्केटों में सभी अनिवासी सहभागियों से है।

3. कोई अनिवासी निम्‍नलिखित प्रयोजनों से रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव बाजारों में लेनदेन कर सकता है:

  1. पैरा 4 में निर्धारित किए अनुसार रुपया ब्‍याज दर जोखिम के प्रति एक्‍सपोजर से बचाव करने के लिए; और,

  2. पैरा 5 में निर्धारित सीमा तक बचाव के अलावा अन्‍य प्रयोजनों के लिए।

4. ब्‍याज दर जोखिम से बचाव के प्रयोजन हेतु लेनदेन

  1. कोई अनिवासी अपने ब्‍याज दर जोखिम का बचाव करने के लिए भारत में रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव का निष्‍पादन किसी भी अनुमत रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव उत्‍पाद का प्रयोग करते हुए कर सकता है जो कि मान्‍यताप्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों, ईटीपी या ओटीसी बाजारों किए जाएं।

  2. अनिवासी को यह सुनिश्‍चत करना होगा कि ब्‍याज दर डेरिवेटिव से संबंधित उसके लेनदेन भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45(वी) के प्रावधानों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के अनुमेय प्रावधानों और इनके तहत जारी किए गए नियमों, विनियमों और निदेशों के अनुसार हैं।

  3. मार्केट मेकर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी अनिवासी द्वारा ये लेनदेन हेजिंग के प्रयोजन से किए जा रहे हैं। इस प्रयोजन के लिए, मार्केट मेकर्स द्वारा अनिवासी से कोई भी संगत जानकारी मांगी जा सकती है, जिनका यह दायित्‍व होगा कि ऐसी जानकारी प्रदान करें।

5. ब्‍याज दर जोखिम से बचाव के अलावा अन्‍य प्रयोजनों से किए गए लेनदेन

i. अनिवासी, व्यक्तियों के अलावा अन्य व्‍यवस्‍थाओं के अनुसार ब्‍याज दर जोखिम की हेजिंग के अलावा अन्‍य प्रयोजनों से ओवरनाइट इंडेक्‍स्‍ट स्‍वैप (ओआईएस) लेनदेन कर सकते हैं :-

(क) ये लेनदेन भारत में मार्केट मेकर के साथ सीधे ही किए जा सकते हैं अथवा मार्केट-मेकर की किसी विदेशी शाखा/प्रधान/समूह संस्‍थान (विदेशी पक्ष) के माध्‍यम से ‘बैक-टू-बैक’ व्‍यवस्‍था द्वारा किए जा सकते हैं।

स्‍पष्‍टीकरण – इन निदेशों के प्रयोजन से ‘बैक-टू-बैक’ व्‍यवस्‍था का आशय है कि अनिवासी द्वारा मार्केट मेकर के विदेशी पक्ष के साथ लेनदेन किया जाए और बदले में वही विदेशी पक्ष तत्‍काल ही भारत में मार्केट मेकर के साथ ऑफ-सेटिंग लेनदेन करे।

(ख) उक्‍त (क) में बताए अनुसार मार्केट-मेकर ‘बैक-टू-बैक’ व्‍यवस्‍था करेगा बशर्ते :

  1. मार्केट-मेकर से संबद्ध संस्‍थानों द्वारा वैश्विक स्‍तर पर किए गए सभी रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव लेनदेन की गणना मार्केट-मेकर की बहियों में की जाती है। दूसरे शब्‍दों में कहें तो ‘बैक-टू-बैक’ व्‍यवस्‍था के अलावा मार्केट-मेकर से संबद्ध कोई भी संस्‍थान रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव में लेनदेन नहीं करेगी।

  2. उक्‍त पैरा 4 के तहत आने वाले मार्केट-मेकर से संबद्ध एफपीआई के रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव लेनदेन को उक्‍त पैरा 5(i)(ख)(i) की अपेक्षाओं से छूट रहेगी।

(ग) ब्‍याज दर जोखिम से बचाव करने के अलावा अन्‍य प्रयोजनों से अनिवासियों द्वारा किए गए ओआईएस लेनदेन निम्‍नानुसार बताई गई समग्र सीमा के अनुसार रहेंगे :

  1. सभी अनिवासियों द्वारा की गई सभी बकाया ओआईएस पोजिशनों के आधार अंकों का कीमत मान (पीवीबीपी) की रकम आईएनआर 3.50 बिलियन (पीवीबीपी कैप) से अधिक नहीं रहेगी।

    स्‍पष्‍टीकरण – पीवीबीपी कैप का आकलन प्रत्‍येक अनिवासी का सकल योग करते हुए की जाएगी, इसमें गणितीय संकेतों को अनदेखा किया जाए।

  2. पीवीबीपी कैप तक पहुंचने के बाद हेजिंग के अलावा अन्‍य प्रयोजनों के लिए अनिवासियों द्वारा कोई अन्‍य ओआईएस लेनदेन नहीं किया जाएगा।

  3. किसी भी अनिवासी के लिए सभी बकाया ओआईएस पोजिशनों की पीवीबीपी (संबद्ध संस्‍थानों सहित) पीवीबीपी कैप के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं रहेगी।

  4. क्‍लीयरिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. (सीसीआईएल) पीवीबीपी के आकलन की पद्धति का प्रकाशन करेगा और दैनिक आधार पर पीवीबीपी सीमा के प्रयोग की निगरानी के साथ-साथ इसका प्रकाशन भी करेगा।

ii. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई), सम्‍यक रूप से दिनांक 1 मार्च 2018 को जारी भारतीय रिज़र्व बैंक के परिपत्र सं.एफएमआरडी.डीआईआरडी.6/14.03.001/2017-18 के अनुसार आईएनआर 50 बिलियन की सीमा तक निवल लॉन्‍ग पोजिशन लेते हुए ब्‍याज दर फ्यूचर में भी लेनदेन कर सकते हैं।

6. विप्रेषण / भुगतान

अनिवासी के ब्‍याज दर डेरिवेटिव लेनदेन से संबंद्ध सभी भुगतानों को उसी अनिवासी के रुपया खाते के माध्‍यम से भेजा जाए अथवा भारत में अनिवासी का रुपया खाता नहीं होने की स्थिति में भारत में प्राधिकृत डीलर बैंक के पास वोस्‍त्रो खाते के माध्‍यम से भेजा जाए। मार्केट मेकर को ऐसे लेनदेन का सम्‍पूर्ण विवरण रखना होगा।

7. अनिवासी के लिए केवाईसी

मार्केट-मेकर यह सुनिश्चित करेगा कि अनिवासी ग्राहक एफएटीएफ का अनुसरण करने वाले देश से हैं। मार्केट-मेकर को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अनिवासी ग्राहकों द्वारा उन केवाईसी मानदंडों का अनुपालन किया जाता है जिनका निर्धारण दिनांक 25 फरवरी 2016 को जारी मास्‍टर निदेश – अपने ग्राहक को जानिए संबंधी निदेश, 2016 (डीबीआर.एएमएल.बीसी.सं.81/14.01.001/2015-16) में किया गया है।

8. रिपोर्टिंग

  1. रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव के सभी ओटीसी लेनदेन की रिपोर्ट मार्केट-मेकर और ईटीपी द्वारा सीसीआईए की ट्रेड रिपॉजिटरी को की जाएगी, जिसमें यह स्‍पष्‍ट तौर पर बताया जाए कि यह सौदा हेजिंग के लिए है अथवा अन्‍य प्रयोजन से किया गया है।

  2. मार्केट-मेकर द्वारा सौदे के विवरणों को, ‘बैक-टू-बैक’ व्‍यवस्‍था के तहत ओआईएस लेनदेन के लिए अनिवासी ग्राहक के विवरणों सहित, सीसीआईएल की ट्रेड रिपॉजिटरी को रिपोर्ट किया जाएगा।

  3. रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव में लेनदेन के कारण होने वाले क्रॉस-बार्डर विप्रेषणों की रिपोर्ट बैंकों द्वारा मासिक अंतराल पर भारतीय रिज़र्व बैंक को अनुलग्‍नक में दिए गए प्रपत्र के अनुसार की जाएगी।

अनुलग्‍नक

रुपया ब्‍याज दर डेरिवेटिव लेनदेन के कारण होने वाले क्रॉस-बॉर्डर विप्रेषण, जो कि एमएम/वाईवाई (वर्ष के माह) के दौरान अनिवासियों द्वारा किए गए :

  आवक विप्रेषण
(अमरीकी डॉलर में)
जावक विप्रेषण
(अमरीकी डॉलर में)
हेजिंग के लिए    
हेजिंग के अलावा अन्‍य प्रयोजनों के लिए    
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