1 नवंबर 2019
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने विनियमन और पर्यवेक्षण विभागों का पुनर्गठन किया
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपने विनियामक और पर्यवेक्षी विभागों का पुनर्गठन किया है। यह याद दिलाया जा सकता है कि भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने 21 मई 2019 को अपनी बैठक में अलग-अलग पर्यवेक्षी और विनियामक कैडर के गठन को मंजूरी दी थी। इस निर्णय को लागू करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की श्रृंखला में से एक है विनियमन और पर्यवेक्षण कार्यों का पुनर्गठन।
2. वर्तमान में वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं की देखरेख तीन अलग-अलग विभागों जैसेकि बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग और सहकारी बैंक पर्यवेक्षण विभाग के माध्यम से की जाती है। इसी तरह वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं से संबंधित विनियामक कार्य तीन अलग-अलग विभागों अर्थात बैंकिंग विनियमन विभाग, गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग और सहकारी बैंकिंग विनियमन विभाग के माध्यम से किए जाते हैं। बढ़ती जटिलता, आकार और अंतर-संबद्धता को संबोधित करने के साथ-साथ संभावित पर्यवेक्षी मध्यस्थता और सूचना असमानता के कारण उत्पन्न संभावित प्रणालीगत जोखिम से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विनियमित संस्थाओं के पर्यवेक्षण और विनियमन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण स्थापित करने की दृष्टि से 01 नवंबर 2019 से पर्यवेक्षण कार्यों को एकीकृत पर्यवेक्षण विभाग और विनियामक कार्यों को एकीकृत विनियामक विभाग में एकीकृत करने का निर्णय लिया गया है।
3. उपरोक्त पुनर्गठन से:
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विनियमित संस्थाओं के केवल संगठनात्मक ढांचे के आधार पर खंडित होने के बजाय पर्यवेक्षी और विनियामक प्रक्रिया अधिक गतिविधि आधारित बनेगी;
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सभी रिजर्व बैंक पर्यवेक्षित संस्थाओं को अपने आकार और जटिलता के अनुसार वर्गीकृत पर्यवेक्षी दृष्टिकोण प्रदान किया जा सकेगा;
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रिजर्व बैंक की निगरानी वाली संस्थाओं के बीच वित्तीय समूह के अधिक प्रभावी समेकित पर्यवेक्षण की सुविधा प्राप्त हो जाएगी;
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बैंक के दायरे में वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं के विनियमन और पर्यवेक्षण में भाग लेने वाले मानव संसाधनों के अधिक कुशल आवंटन के परिणामस्वरूप; तथा
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वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं के विनियमन और पर्यवेक्षण के क्षेत्र में एक अनुभवी और कुशल मानव संसाधन बनाने में मदद होगी।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1078 |